#LadengeCoronaSe: सफाई व्यवस्था को जरूरी सेवा में नहीं गिनती सरकार, बिना कर्फ्यू पास घर बैठे कर्मचारी
कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए हुई लॉकडाउन और कर्फ्यू की घोषणा ने दिल्ली को एक और मुसीबत में डाल दिया है। कर्फ्यू की घोषणा के बाद नगर निगमों के सफाई कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं और जगह-जगह पर कूड़े का अंबार लग गया है।
 

गंदगी बढ़ने से दूसरी संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा पैदा हो गया है। चूंकि कोरोना बीमार लोगों को और अधिक आसानी से अपना शिकार बनाता है, गंदगी बढ़ने से कोरोना संक्रमण के और अधिक फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।

हालांकि, एमसीडी के अधिकारियों ने इसके लिए कर्मचारियों के पास कर्फ्यू पास न होने को जिम्मेदार बताया है लेकिन आश्वासन दिया है कि इस समस्या का हल खोज लिया है और जल्दी ही इसका निदान खोज लिया जायेगा और सामान्य व्यवस्था बहाल हो जाएगी।
 
देश की राजधानी के नगर निगम की व्यवस्था को इंदौर जैसे शहर की सफाई व्यवस्था आदर्श पेश कर सकती है जिसने पहले ही सफाई में आदर्श प्रस्तुत कर अपने शहर को गौरवान्वित किया है। शहर ने कोरोना के संक्रमण के दौरान भी अपनी सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाये रखने में सफलता हासिल की है।

कैसे बढ़ी समस्या


पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने अमर उजाला को बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद पुलिस ने लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया। इससे दिल्ली के बाहर रह रहे उनके बड़ी संख्या में कर्मचारी काम पर नहीं आ सके।

इसी से लॉकडाउन के शुरू के दो दिनों में कुछ इलाकों में सफाई नहीं हो सकी। लेकिन स्थिति की जानकारी मिलते ही इसके विषय में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस से मिलकर समस्या का समाधान खोज लिया गया।

अब एमसीडी के असिस्टेंट कमिश्नर को नगर निगमों के कर्मचारियों को पास जारी करने का अधिकार दे दिया गया है। पास के साथ-साथ कर्मचारियों को अपना आई-कार्ड भी रखना होगा। इससे पुलिस उनकी जरूरी ड्यूटी करने से उन्हें नहीं रोकेगी और सफाई व्यवस्था बहाल हो जाएगी।

इन कर्मचारियों को भी मिली छुट्टी


कोरोना वायरस के ज्यादा उम्र के लोगों को आसान शिकार बनाने के कारण नगर निगमों ने अपने 55 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को घर बैठने की सलाह दे दी है। बीमार कर्मचारियों को भी काम पर आने से रोक दिया गया है।

इसके आलावा मलेरिया विभाग के कर्मचारियों को लोगों को कोरोना के संक्रमण के बारे में जानकारी देने के लिए लगा दिया गया है। इस कारण से एमसीडी की सफाई विभाग की कार्य क्षमता बहुत अधिक प्रभावित हुई है।

विभाग को एक तिहाई कर्मचारियों से काम चलाना पड़ा है, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि इस समस्या का समाधान खोज लिया है और अगले 24 से 48 घंटे में सफाई व्यवस्था सामान्य हो जाएगी।

दक्षिणी नगर निगम में काम सामान्य


दक्षिणी नगर निगम की पूर्व मेयर कमलजीत सहरावत ने कहा कि उनके क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सामान्य है और किसी भी जगह गंदगी नहीं होने दी जा रही है। उलटे कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सफाई व्यवस्था और अधिक दुरुस्त कर दी गई है।

स्थानीय नागरिकों के बीच उनके नंबर भी बांटे गये हैं, जो किसी भी तरह की समस्या होने पर उन्हें सीधे फोन कर समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
 
हालांकि, उत्तरी नगर निगम में गंदगी होने की बात सामने आई है। लेकिन यहां भी बाहरी कर्मचारियों के दिल्ली में प्रवेश न करने देने की समस्या को बड़ी वजह बताया गया है। लेकिन अधिकारियों ने इसका समाधान खोज लेने और एक से दो दिन के बीच स्थिति सामान्य होने की बात कही है।

इंदौर ने बताया कैसे साफ रखें शहर


भाजपा नेता सुरेन्द्र शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि इंदौर शहर को साफ सुथरा रखने में सबसे बड़ी भूमिका यहां के स्थानीय लोगों की है जो शहर को अपना मानकर इसे साफ रखने में अपनी भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने बताया कि नगर निगम चौबीसों घंटे सफाई व्यवस्था को चालू रखने के मिशन पर काम करता है। इसके लिए कर्मचारियों को अलग-अलग समय ड्यूटी पर नियुक्त कर सफाई सुनिश्चित कराई जाती है। 
 
इसमें छोटे कर्मचारियों से लेकर उच्च अधिकारियों की टीम सतत काम करती है। कहीं गंदगी पाने पर उसकी चेकिंग टीम अलग से सतर्क जानकारी देकर सफाई सुनिश्चित कराती है।

यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि नगर निगम ने कोरोना के कारण अपनी व्यवस्था में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है, बल्कि सामान्य व्यवस्था को ही ज्यादा चुस्त-दुस्रुस्त बनाने का काम किया है।

दो मौत, दोनों इंदौर के नहीं


जानकारी के मुताबिक इंदौर के लोगों ने सोशल डिस्टेंस बनाए रखने में अच्छा काम किया है। इसी का असर है कि यहां कोरोना के ज्यादा मरीज सामने नहीं आये हैं। अभी तक इंदौर में कुल नौ लोगों को कोरोना का संक्रमण पॉजिटिव पाया गया है और दो लोगों की जान चली गई है।

लेकिन दोनों ही मृतक इंदौर के नहीं थे, बल्कि वे उज्जैन से थे और किसी कार्यवश इंदौर आये थे। सोशल दूरी बनाये रखें की समाज की सजगता के बाद भी एक समुदाय विशेष के लोगों ने शहर के बॉम्बे बाजार में सामूहिक नमाज पढ़ने की कोशिश की थी।

इससे कोरोना संक्रमण को फैलने का खतरा हो सकता था, जिसे देखते हुए नमाज का कार्यक्रम रोक दिया गया था।