परीक्षाओं से ठीक पहले कोलकाता-बेंगलुरु यात्रा पर भेज दिए गए शिक्षक!

मध्य प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं 2 और 3 मार्च से हैं लेकिन बोर्ड परीक्षाओं के बीच प्रदेश भर में स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के घूमने फिरने का दौर जारी है. परीक्षा से पहले 106 शिक्षक कोलकाता (Kolkata) और बेंगलुरू (Bangluru) के एक्सपोजर विजिट पर हैं. एक सप्ताह तक दो टीमों में शिक्षक कोलकाता और बेंगलुरू में भ्रमण कर रहे हैं. शिक्षक 19 से 25 फरवरी तक कोलकाता-बेंगलुरू में ही रहने वाले हैं. 56 शिक्षकों की टीम बेंगलुरू विजट पर है तो वहीं 50 शिक्षक कोलकाता दौरे पर हैं. खास बात ये है कि इससे पहले स्कूल शिक्षा मंत्री ने रिजल्ट बिगड़ने को लेकर चेतावनी जारी की थी वहीं परीक्षा से पहले शिक्षकों को एक्सपोजर विजिट कराया जा रहा है.

शिक्षकों को परीक्षा कार्य से अलग रखने के थे निर्देश
बोर्ड परीक्षाओं में जहां रिजल्ट को लेकर ग्रामीण और शहरी इलाकों में अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जा रही हैं तो वहीं शिक्षकों पर रिजल्ट को लेकर नकेल कसी जा रही है लेकिन दूसरी तरफ 100 से ज्यादा शिक्षकों को स्कूल शिक्षा विभाग एक्सपोजर विजिट करा रहा है. इस विजिट को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने डीईओ को निर्देश जारी किए थे कि सभी 106 शिक्षकों को 18 से 25 फरवरी तक परीक्षा संबंधी या दूसरे शैक्षणिक कार्यों से दूर रखा जाए. कोलकाता दौरे पर गए 50 शिक्षक कोलकाता के बॉटेनीकल गार्डन, अलीपुर चिड़ियाघर, इंडियन म्यूजियम, विक्टोरिया म्यूजियम का भ्रमण कर रहे हैं तो बेंगलुरू विजिट पर गए 56 शिक्षक विश्वेश्वरैया औद्योगिक और तकनीकि संग्रहालय, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड और इसरो का भ्रमण कर रहे हैं.


स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी का कहना है इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रदेश भर में साढ़े 3 लाख शिक्षक हैं. 100-50 शिक्षक अगर कहीं जा भी रहे हैं तो इससे क्या फर्क पड़ेगा. ये तो कुल शिक्षकों का 1 परसेंट भी नहीं होगा. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के एक्सपोजर विजिट से पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

विश्वास सारंग ने सरकार की खिंचाई की
भाजपा के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि एक्सपोजर आप किसका करा रहे हैं. क्यों और किसलिए करा रहे हैं. किस बात का एक्सपोजर होने वाला है. सारंग ने कहा कि, 'क्या आप ये मान रहे हैं कि जो शिक्षक इतने सालों से पढ़ा रहे हैं उनका एक्सपोजर नहीं हुआ है. ये सिर्फ भ्रष्टाचार करना है. उनको चाहिए कि छात्रों को अच्छी शिक्षा दें, गुरूओं, अतिथि शिक्षकों, अतिथि विद्वानों को सम्मान दें.