समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने देशभर में जातीय जनगणना की वकालत की है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि भाजपा (BJP) को जातिवाद का नंगा नाच करने में कोई संकोच नहीं. स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि अब भाजपा के इशारे पर शिक्षा-स्वास्थ्य में भी जातिवादी व्यवस्था लागू है, तो अपराध नियंत्रण में भी जातिवादी दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है. इस सबके चलते समाज में नफरत का जहर घुलता जा रहा है और आपसी सद्भाव तथा सौहार्द को क्षति पहुंच रही है. भाजपा जातिवादी पार्टी है.
जातीय जनगणना की फिर करता हूं मांग -अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का इरादा समाज में अव्यवस्था पैदा कर कॉरपोरेट समाज का वर्चस्व स्थापित करना है. उसकी नीतियां गरीब, किसान और नौजवान विरोधी हैं. समाज में सबको उनकी संख्या के मुताबिक हक और सम्मान मिले इसके लिए समाजवादी पार्टी अरसे से जातीय जनगणना की मांग करती रही है. भाजपा कांग्रेस की तरह इसे मानने को तैयार नहीं है, क्योंकि तब उसका जातीय विभाजन का खेल खत्म हो जाएगा. एक बार जातीय जनगणना हो जाने पर समानुपातिक ढंग से सबकी हिस्सेदारी तय हो जाएगी. विकास और सामाजिक न्याय के लिए यह आवश्यक है.
लोगों को गुमराह कर रही है भाजपा
सपा प्रमुख ने कहा कि दरअसल, भ्रामक प्रचार कर लोगों को गुमराह करने का भाजपा-आरएसएस का एजेंडा बहुत पुराना है. इसी की रणनीति बनाकर वह अपने सघन अभियान में जुट गई है. इससे देश का बना बनाया तानाबाना टूटेगा और समाज में विघटन की स्थिति पैदा होगी. लोकतंत्र के लिए यह खतरे का संकेत है.
सपा के लोग कर रहे हैं ये मांग
इन दिनों उत्तर प्रदेश की विधानसभा का सत्र भी चल रहा है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के तमाम विधायकों और एमएलसी भी लगातार जातीय जनगणना कराए जाने की मांग कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी के नेता विपक्ष और विधान परिषद में नेता विरोधी दल ने भी लगातार मांग की है कि देश और प्रदेश में जातीय जनगणना करा दी जाए ताकि हिंदू-मुसलमान का झगड़ा खत्म हो जाए.